गोरा बच्चा कैसे होता है? | How To Get Fair Baby

हमारी जो इंडियन मोमोज है उनको लगता है कि अपना बेबी गोरा होना चाहिए यही आज टॉपिक है कि आज हम बताने वाले हैं कि हमारा बेबी गोरा कैसे होता है।

आज हम एक ऐसे टॉपिक पर बात करने वाले हैं जो हमारे सारे मोमोस के मन में रहता है हमारी जो इंडियन मोमोज है उनको लगता है कि अपना बेबी गोरा होना चाहिए। लेकिन यह मन में जो इच्छा रहती है यह सदियों से चली आ रही है और यही आज टॉपिक है कि आज हम बताने वाले हैं कि हमारा बेबी गोरा कैसे होता है।

जब हम बच्चे के बारे में बात करते हैं तो आपका खुद का बेबी वह अपने लिए प्यारा रहता है, भले वह गोरा हो या काला हो, छोटा हो या लंबा हो लेकिन अपना बच्चे हैं हम तो प्यार करते ही है और वह बेबी भी हम पर प्यार करता है।

दूसरी महत्वपूर्ण बात बच्चे स्वस्थ रहना चाहिए और तंदुरुस्त भी होना चाहिए। और वह भी फिजिकल और मेंटली यानी कि सारे अंग अवयव उसके स्वस्थ होने चाहिए और दिमाग भी अच्छा होना चाहिए और रंग से कई गुना यह ज्यादा महत्वपूर्ण बात है।

वैसे देखा जाए तो हमारे त्वचा कर रंग हमारे बालों का रंग हमारी आंखों का रंग हमारी लंबाई यह जेनेटिक्स पर डिपेंड होती है यानी कि जैसे गुणसूत्र हमारे बच्चे में होने वाले हैं उस पर वह डिपेंड होता है।

जब हमारे बच्चे में ज्यादा मात्रा में होने वाले डैडी के जींस रहेंगे तो बेबी थोड़ा डैडी जैसा दिखता है, आंखों का कलर टेडी जैसा रहता है। कभी वह मिक्स होते हैं तो दोनों के गुण उन में आ जाते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसे भी देखा गया है हमारे बच्चे में नाना-नानी, दादा-दादी उनसे भी सिमिलरिटी होती है, उनकी आंखों का रंग, उनके स्कीन का कलर यह भी बच्चे में आ सकता है यह बच्चे की जो चेहरे की रचना रहती है वह भी मम्मी डैडी से कभी-कभी मिलती-जुलती नहीं है तो दादा से पर दादा से दादी नानी से इन लोगों से मिलती-जुलती रहती है इसीलिए इसका मतलब है हमारा बेबी गोरा होना, लंबा होना, आंखों का रंग, बालों का रंग सारा जींस पर निर्भर होता है यानी कि गुणसूत्र पर निर्भर रहता है।

दूसरी महत्वपूर्ण बात हम गोरे रंग के लिए बहुत ही क्रेज़ी रहते हैं लेकिन गोरे रंग का डिसएडवांटेज भी है। जब हम ज्यादा गौरे रहते हैं तो हमारे स्क्रीन में पिगमेंट बहुत कम मात्रा में रहता है। हम जब डार्क रहते हैं तो हमारे शरीर में मेलानिन अच्छी मात्रा में रहता है यह जो मेलेनिन रहता है वह मेलानिन हमें सन से यानी कि सूर्य की किरणों से प्रोटेक्ट करता है हमारा रक्षण करता है इसीलिए जब हमारा स्क्रीन का कलर डार्क रहता है तो हमें त्वचा ( स्कीन ) के कैंसर होने की संभावना बहुत ही कम होती है जब हम ज्यादा गोरे रहते हैं हमारे शरीर में मेलेनिन कम रहता है और जब सूर्य की किरणों का एक्सपोजर ज्यादा रहता है तो स्क्रीन के कैंसर सैनिक की संभावना बढ़ जाती है।

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यह मेलिनिन पिगमेंट जो हमें काला बनाता है वह हमें सन की किरणों से प्रोटेक्शन देता है। हर मम्मी की ख्वाहिश रहती है हमारा बेबी गोरा होना चाहिए और यह ख्वाहिश सदियों से है इसीलिए हमारे परिवार वाले लोग बुजर लोग हमें बोलते रहते हैं कि आप दूध का सेवन करो, आप फ्रूट्स का सेवन करो, हर तरह की फल खाओ, आप नारियल पानी पियो, आप ड्राई फ्रूट्स खा लो, क्योंकि उनकी धारणा रहती है कि आपने यह सब खाना चाहिए क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक बात है लेकिन यह सदियों से चला रहा है इसीलिए यह जो लॉजिक है इसका बेस हम भूल गए हैं जैसे बड़े लोग बोलते हैं चलो आप दूध पी लो तो उनके हिसाब से केसर खाना, दूध पीना, ड्राई फ्रूट्स खाना, नारियल पानी लेना, बादाम लेना यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन आपको यह खाने के लिए पूरा व्रत करने के लिए वह बताते हैं कि आप यह खाने से आपका बेबी गोरा हो जाएगा तो वह आप अपने आप खाना शुरू करोगे लेकिन यह सारे व्यंजनों का आहार में सेवन करने से आपका बेबी गोरा हो जाएगा इसका प्रूफ नहीं है इसीलिए यह सारे पदार्थ आपके लिए अच्छे हैं और यह सारे पदार्थ कुछ विटामिन देते हैं, कुछ मिनरल्स देते हैं, एंटीऑक्सीडेंट देते हैं। वह अपने स्वास्थ्य के लिए अच्छे रहते लेकिन आपको यह सब कुछ योग्य मात्रा में ही खाना है।

लेकिन आपको यह बात याद रखनी है कुछ खाने से, पीने से, हमारे त्वचा का रंग, हमारी आंखों का रंग, हमारे बालों का रंग , हमारी हाइट चेंज नहीं होने वाली हाइट के बारे में जब हम कहते हैं लंबाई के बारे में जो अपनी बेबी बड़ी हो जाते है और खेलना-कूदना शुरू करते हैं तो अच्छे एक्सरसाइज से उनकी हाइट बढ़ाने की चांसेस रहते हैं लेकिन वह भी जींस से ही प्रभावित रहती है जो की गुणसूत्र पर निर्भर रहता है।

इसके बारे में आपका कोई प्रश्न रहेंगे तो हमें जरूर लिखिए।

Info Credit: Dr. Supriya Puranik

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